Page 115 - Sonbeel Utsab 2024
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                                                                                          ं
                                                                  ु
               िवकिसत हो रही ह एवम इस पयटन को क  थली  म रखकर कछ छोटी छोटी  ावसाियक स थाए


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                                      े
                                                   े

               जो इस समय कम ही सही , क  िनमाण होन स  थानीय अथ  व था म उसका  ापक  भाव िदख रह   े
                                                                        ै
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                               ं
               ह ।  ५० स  ादा य  चािलत नाव आज ' शनिवल ' झील  म चल रही ह । िकराया  ितिदन  १- १.५
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                                                                                             ै
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               हजार  पया । इसस लगभग ५० प रवार तथा उसक साथ ५० नािवको का आिथक   थित बदल रही ह।
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                      ' शनिवल '  ढाबा िजस वजह स मािलक तथा कमचा रयो क बीच म भी आिथक योगदान
                े

                                      े
                                                     े
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                                ै
               दखन को िमल रहा ह ।  हमार आदोलन की दसर भाग म हम सब ठीक यही चाहत थ । मछली उ ादन
               क साथ साथ पयटन क मा म स होत  ए  शनिवल '    म िवशष करक  थानीय जन समदाय क िलए
                                े


                                                                       े
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               एक आिथक िवकासका जागरण होगा, यही तो था हमारा ल   एवम सपना । थोड़ा ही सही  सपना

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                                                                             ं
               साकार हो रहा ह इसका आभास  ' शनिवल ' द रहा ह । परत हमारा मानना था बगाल क  ' नील  ाित '


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                                                                       ु
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               क भाित   ाित  ' शनिवल ' कर सकता था , जो  ापक  पयटन स  जड़ा अथ व था का योगदान '
                                                            ं
                                                                              ं
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               शनिवल '  द सकता था  , उस  र तक हम आज भी नही प च पाए ह , यह िनः सकोच हम कह सकत  े
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                                                                      ै
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                ै
               ह । इन कमीयो क कारण , ' शनिवल ' क जल ससाधन क साथ ही साथ कछ म  ल भी ह । इन
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                                                                                ु

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                                                                    ं
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               सम ाओ क िनराकरण क िलए आव क ह एक  म  योजनाओ का  काया यन , तभी ' शनिवल '
                                                   ै
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               समच उ र पव रा  क एक उ त पयटन  थल क  प म िवकिसत हो पायगा ।
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                                       ं
                                                                          ं
                                                  ै
                      ' शनिवल ' की जल ससाधन  ा ह ! उसका िनदान एवम िकस भाित ' शनिवल ' का उपयोग
                                                                        ं

                                         ं
               करक बराक घाटी म आिथक  ाित का उ व िकया जाय उसकी एक सि   िव षण िन िल खत
                                                                                  े

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               द रहा   जो कवल जन जाग कता क जागरण क िदशा म  सही कदम होगा ।  २४° -३०`, २०°- ४५°
                े
                                                  ू

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               उ री अ ाश  एवम ९२°१५' - ९२°- ३०° पव दशा र िदशा म अव  थत  ' शनिवल ' एक  ाकितक
                                                                                          ृ
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                                                                          ं
                                                                   े
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                                      ु
               जलाधार, तथा िसगला व कचया नदी िक सगम  थल ह । असम क करीमगज िजल क उ र िदशा म
                                   े
               तथा हाइलाकादी िजल क सीमा स भी लगा ह यह जलाशय । ' शनिवल ' की दो िकनार   ायः  अड की
                                                  ै
                                                                                  े
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               श  म दखन म लगत ह।

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                      ' शनिवल ' की पि मी तट रखा करीमगज  द ाबछरा रल पटरी स सटी ह । यहा वाहनो क
                                                          ु
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               आवागमन की रा ा भी उपय  ह । ' शनिवल ' की पव  तट जड़ी  ई ह करीमगज एवम हाइलाकादी
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                                                                              ं
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                                                                       ै
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                                                                                            ं
                                                                                     ं
               शहर क  दो बड़ी सड़को स ।  ' शनिवल ' जलाशय की एक अश दव ार  ाम, हाइलाकादी शहर क
                                                                 ं
                                                                    े
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                                                                                              े
                                                  ै
                                                                                     ं
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               भरवनगर स होती  ई लगभाग १२ िकमी ह । दसरा िह ा कालीबाड़ी बाजार करीमगज शहर स       े
                                                      ू
               रामक  नगर होती  ई लगभग ६५ िकमी ह । लगभग ५० हजार  थानीय लोगो की जीवन जीिवका
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                                                   ै
                                                                               ं
               सीध  प स िनभर ह  ' शनिवल 'जलाशय क उ ादन क उपर । मछली एवम बोरो धान ही ह ' शनिवल
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                                                          े
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                                                                      े


               ' का मल उ ादन । वष २००३-२००४ म की  ई एक शोध समी ा म दखा गया था की  ' शनिवल 'वष
                     ू


                                                                      ै
               भर म लगभग २.५ करोड़ मछली उ ादन िकया था िबना िकसी व ािनक प ित तथा तकनीकी
               सहायता क । उस वष  म रा  सरकार को  ' शनिवल '  की मछली उ ादन स लगभग  ३.५ लाख
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                                                                               े
                                                                                            े
                                                            े
                                                                         े
               रािश की राज   ा   ई  थी । ' शनिवल ' जलाशय को लकर शोध काय क दौरान ' शनिवल '  ोज

                                                                         े
                                                                                            ू
               तयार करत समय ' शनिवल ' की तीन स ा मन िनधा रत की थी िजसक काया  त होन स समचा
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                                                      े
                                                                                      े

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                                                    ै

               बराक घाटी सिहत उ र पव भारत क अथ व था म  भाव पड़ सकता ह ।

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                                           े
                                                                        ै

                      आइए हम सब िमल कर   ' शनिवल ' सर ण आदोलन म शािमल होय एवम ' शनिवल ' को
                                                                              े
                                                      ं
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                                                     ं
                                                                              ं
               क िबद म रखकर बराक घाटी की आिथक  ाित की  ापक एवम दरगामी सभावनाओ को सफल
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                                                      े

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                                                                                    ं
                प स काया  त करन की ल  म सहभागी बन । आन वाला आगामी िदन जल एवम जगल की एवम
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                                                                          ु
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                                                                                              े
                                         ं
               उसस जड़ी जीव जत क िलए   स होन की सकत द रही ह । हम सब का पनीत कत  ह िक  इसक
                                                              ै
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               सर ण म अपना  नतम योगदान द ।
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                 ं
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